मसीह को हमारा महायाजक बनाना

Sis. बी. क्रिस्टोफर वासिनी
May 05, 2020

मसीह में मेरे प्यारे भाइयों और बहनों, यहोशू के आगे रखा गया पत्थर, वह प्रभु यीशु मसीह है। इस पत्थर पर सात आंखें रखी थीं। यह पत्थर सिय्योन में रखा गया पत्थर है। यह वह पत्थर है जिसे भगवान ने उकेरा था।  यह सिरे का पत्थर नेव का पत्थर रखा है, एक परखा हुआ पत्थर, कोने का अनमोल और अति दृढ़ नेव के योग्य पत्थर l इस पत्थर की आंखें पृथ्वी के चारों ओर भेजी गई सात आत्माएं हैं। ये सात आत्माएं सात दीपक हैं जो हमें परखते हैं और हमें साफ करते हैं।

परमेश्‍वर द्वारा हमारे प्रभु यीशु मसीह को यहोशू के लिए एक महायाजक, मुख्य महायाजक के रूप में बनाया गया है। वह वह है जो एक दिन में हमारे अधर्म को हटा देता है। इसीलिए, परमेश्‍वर ने अपने इकलौते पुत्र को हमारे लिए सूली पर चढ़ा दिया ताकि उसका रक्त हमारे सभी पापों और गंदगी को हटाने और शुद्ध करने में शक्तिशाली हो।

इफिसियों 4: 14 - ताकि हम आगे को बालक न रहें, जो मनुष्यों की ठग-विद्या और चतुराई से उन के भ्रम की युक्तियों की, और उपदेश की, हर एक बयार से उछाले, और इधर-उधर घुमाए जाते हों।

इफिसियों 4: 16 - जिस से सारी देह हर एक जोड़ की सहायता से एक साथ मिलकर, और एक साथ गठकर उस प्रभाव के अनुसार जो हर एक भाग के परिमाण से उस में होता है, अपने आप को बढ़ाती है, कि वह प्रेम में उन्नति करती जाए॥

इफिसियों 5: 8 - 10 - क्योंकि तुम तो पहले अन्धकार थे परन्तु अब प्रभु में ज्योति हो, सो ज्योति की सन्तान की नाईं चलो।

(क्योंकि ज्योति का फल सब प्रकार की भलाई, और धामिर्कता, और सत्य है)।

और यह परखो, कि प्रभु को क्या भाता है l

इब्रानियों 7: 14 – 19 तो प्रगट है, कि हमारा प्रभु यहूदा के गोत्र में से उदय हुआ है और इस गोत्र के विषय में मूसा ने याजक पद की कुछ चर्चा नहीं की।

ओर जब मलिकिसिदक के समान एक और ऐसा याजक उत्पन्न होने वाला था।

जो शारीरिक आज्ञा की व्यवस्था के अनुसार नहीं, परअविनाशी जीवन की सामर्थ के अनुसार नियुक्त हो तो हमारा दावा और भी स्पष्टता से प्रगट हो गया।

क्योंकि उसके विषय में यह गवाही दी गई है, कि तू मलिकिसिदक की रीति पर युगानुयुग याजक है।

निदान, पहिली आज्ञा निर्बल; और निष्फल होने के कारण लोप हो गई।

(इसलिये कि व्यवस्था ने किसी बात की सिद्धि नहीं कि) और उसके स्थान पर एक ऐसी उत्तम आशा रखी गई है जिस के द्वारा हम परमेश्वर के समीप जा सकते हैं।

इब्रानियों 7: 20 - और इसलिये कि मसीह की नियुक्ति बिना शपथ नहीं हुई। (क्योंकि वे तो बिना शपथ याजक ठहराए गए पर यह शपथ के साथ उस की ओर से नियुक्त किया गया जिस ने उसके विषय में कहा, कि प्रभु ने शपथ खाई, और वह उस से फिर ने पछताएगा, कि तू युगानुयुग याजक है)।सो यीशु एक उत्तम वाचा का जामिन ठहरा।

इब्रानियों 7: 23, 24 - वे तो बहुत से याजक बनते आए, इस का कारण यह था कि मृत्यु उन्हें रहने नहीं देती थी।

पर यह युगानुयुग रहता है; इस कारण उसका याजक पद अटल है।

इब्रानियों 7: 25 – इसी लिये जो उसके द्वारा परमेश्वर के पास आते हैं, वह उन का पूरा पूरा उद्धार कर सकता है, क्योंकि वह उन के लिये बिनती करने को सर्वदा जीवित है॥

इससे हमें पता चलता है, हमें एक मुख्य महायाजक की ज़रूरत है जो बिना पाप के हो। जो परमप्रधान  से आया है वह सब से ऊपर है, सब से ऊंचा है और सभी से बड़ा है।

इब्रानियों 7: 26 - सो ऐसा ही महायाजक हमारे योग्य था, जो पवित्र, और निष्कपट और निर्मल, और पापियों से अलग, और स्वर्ग से भी ऊंचा किया हुआ हो।

केवल हमारे प्रभु यीशु मसीह ही हमारे पापों को क्षमा करने में सक्षम हैं और हमें स्वर्ग में ले जाने की शक्ति रखते हैं।

यही कारण है कि जकर्याह 13: 1, 2 में - उसी समय दाऊद के घराने और यरूशलेम के निवासियों के लिये पाप और मलिनता धोने के निमित्त एक बहता हुआ सोता होगा॥

और सेनाओं के यहोवा की यह वाणी है, कि उस समय मैं इस देश मे से मूर्तों के नाम मिटा डालूंगा, और वे फिर स्मरण में न रहेंगी; और मैं भविष्यद्वक्ताओं और अशुद्ध आत्मा को इस देश में से निकाल दूंगा।

आइए प्रार्थना करते हैं। प्रभु आप सब पर कृपा करें l

 

-    कल भी जारी रहना है