हमारे प्रभु यीशु मसीह के अनमोल नाम की जय
मत्ती 10: 41, 42 - जो
भविष्यद्वक्ता को भविष्यद्वक्ता जानकर ग्रहण करे, वह भविष्यद्वक्ता का बदला पाएगा;
और जो धर्मी जानकर धर्मी को ग्रहण करे, वह धर्मी का बदला पाएगा।
जो कोई इन छोटों में से
एक को चेला जानकर केवल एक कटोरा ठंडा पानी पिलाए, मैं तुम से सच कहता हूं, वह किसी
रीति से अपना प्रतिफल न खोएगा॥
शांति के प्रभू आपको हर परिस्थिति में हमेशा शांति प्रदान करें। आप सभी के साथ हो। आमीन l
हल्लिलूय्याह
10. भविष्यद्वाणियों
–
मसीह में मेरे प्यारे भाइयों और बहनो, हमें भविष्यवाणियों का तिरस्कार नहीं करना चाहिए। हमें भविष्यवाणियों का विश्लेषण करना चाहिए और उसमें अच्छी चीजों को स्वीकार करना चाहिए और जो बुराई लगती है उसे पीछे छोड़ देना चाहिए।
जब हम पवित्र बाइबल पढ़ते हैं, तो हम देखते हैं कि परमेश्वर ने अपने पवित्र सेवकों को उठाया और उनके माध्यम से अपनी बात कही। हम जिस भी भविष्यवाणी की पुस्तक पर ध्यान देते हैं, हम देखते हैं कि परमेश्वर हमारे भीतर अपनी धार्मिकता और न्याय स्थापित करने के लिए बोलता है। वह सुधार के लिए, फटकार के लिए और हमें प्रेरित करने के लिए अपने शब्दों का उपयोग करके ऐसा करता है।
प्रकाशित वाक्य
22: 18, 19 में - मैं हर एक को जो इस पुस्तक की भविष्यद्वाणी की बातें सुनता है, गवाही
देता हूं, कि यदि कोई मनुष्य इन बातों में कुछ बढ़ाए, तो परमेश्वर उन विपत्तियों को
जो इस पुस्तक में लिखीं हैं, उस पर बढ़ाएगा।
और यदि कोई इस भविष्यद्वाणी
की पुस्तक की बातों में से कुछ निकाल डाले, तो परमेश्वर उस जीवन के पेड़ और पवित्र
नगर में से जिस की चर्चा इस पुस्तक में है, उसका भाग निकाल देगा॥
यिर्मयाह 23: 28 में परमेश्वर
भविष्यवाणी के संबंध में कहते हैं - यदि किसी भविष्यद्वक्ता ने स्वप्न देखा हो, तो
वह उसे बताए, परन्तु जिस किसी ने मेरा वचन सुना हो तो वह मेरा वचन सच्चाई से सुनाए।
यहोवा की यह वाणी है, कहां भूसा और कहां गेहूं?
परमेश्वर बता रहा है कि उसका असली शब्द गेहूँ है और झूठ का शब्द
भूसा है।
यिर्मयाह 23: 29 - 32 में
- यहोवा की यह भी वाणी है कि क्या मेरा वचन आग सा नहीं है? फिर क्या वह ऐसा हथौड़ा
नहीं जो पत्थर को फोड़ डाले?
यहोवा की यह वाणी है,
देखो, जो भविष्यद्वक्ता मेरे वचन औरों से चुरा चुराकर बोलते हैं, मैं उनके विरुद्ध
हूँ।
फिर यहोवा की यह भी वाणी
है कि जो भविष्यद्वक्ता “उसकी यह वाणी है”,
ऐसी झूठी वाणी कहकर अपनी अपनी जीभ डुलाते हैं, मैं उनके भी विरुद्ध हूँ।
यहोवा की यह भी वाणी है
कि जो बिना मेरे भेजे वा बिना मेरी आज्ञा पाए स्वप्न देखने का झूठा दावा कर
के भविष्यद्वाणी करते हैं, और उसका वर्णन कर के मेरी प्रजा को झूठे घमण्ड में आकर भरमाते
हैं, उनके भी मैं विरुद्ध हूँ; और उन से मेरी प्रजा के लोगों का कुछ लाभ न हेगा।
यिर्मयाह 23: 10,11 में
- क्योंकि यह देश व्यभिचारियों से भरा है; इस पर ऐसा शाप पड़ा है कि यह विलाप कर रहा है; वन की चराइयां भी सूख गई। लोग बड़ी दौड़ तो दौड़ते हैं, परन्तु बुराई ही की ओर; और वीरता तो करते हैं, परन्तु अन्याय ही के साथ।
क्योंकि भविष्यद्वक्ता और याजक दोनों भक्तिहीन हो गए हैं; अपने भवन में भी मैं ने उनकी बुराई पाई है, यहोवा की यही वाणी है।
यिर्मयाह 23: 12 में - इस कारण उनका मार्ग अन्धेरा और फिसलाहा होगा जिस में वे ढकेल कर गिरा दिए जाएंगे; क्योंकि, यहोवा की यह वाणी है कि मैं उनके दण्ड के वर्ष में उन पर विपत्ति डालूंगा!
मेरे प्यारे
भाइयों और बहनो , परमेश्वर हमें इन छंदों के माध्यम से स्पष्ट रूप से दिखा रहा है कि भविष्यवक्ता इन सभी तरीकों से बोल सकते हैं।
यिर्मयाह
23: 13 - 17 में - शोमरोन के भविष्यद्वक्ताओं में मैं
ने यह मूर्खता देखी थी कि वे बाल के नाम से भविष्यद्वाणी करते और मेरी प्रजा
इस्राएल को भटका देते थे।
परन्तु यरूशलेम के नबियों
में मैं ने ऐसे काम देखे हैं, जिन से रोंगटे खड़े हो जाते हैं, अर्थात व्यभिचार
और पाखष्ड; वे कुकमिर्यों को ऐसा हियाव बन्धाते हैं कि वे अपनी अपनी बुराई
से पश्चात्ताप भी नहीं करते; सब निवासी मेरी दृष्टि में सदोमियों और अमोरियों के
समान हो गए हैं।
इस कारण सेनाओं का यहोवा
यरूशलेम के भविष्यद्वक्ताओं के विषय में यों कहता है, देख, मैं उन को कड़ुवी वस्तुएं
खिलाऊंगा और विष पिलाऊंगा; क्योंकि उनके कारण सारे देश में भक्तिहीनता फैल गई
है।
सेनाओं के यहोवा ने तुम
से यों कहा है, इन भविष्यद्वक्ताओं की बातों की ओर जो तुम से भविष्यद्वाणी करते हैं
कान मत लगाओ, क्योंकि ये तुम को व्यर्थ बातें सिखाते हैं; ये दर्शन का दावा
कर के यहोवा के मुख की नहीं, अपने ही मन की बातें कहते हैं।
जो लोग मेरा तिरस्कार
करते हैं उन में ये भविष्यद्वक्ता सदा कहते रहते हैं कि
यहोवा कहता है, तुम्हारा कल्याण होगा; और जितने लोग अपने हठ ही पर चलते हैं, उन से
ये कहते हैं, तुम पर कोई विपत्ति न पड़ेगी।
इस तरह, परमेश्वर उन लोगों को दुष्ट
बुला
रहा है जो ऐसी भविष्यवाणियों कह रहे हैं।
यिर्मयाह 23: 19 - 21 में - वा किस ने ध्यान देकर मेरा वचन सुना है? देखो, यहोवा की जलजलाहट का प्रचण्ड बवण्डर और आंधी चलने लगी है; और उसका झोंका दुष्टों के सिर पर जोर से लगेगा।
जब तक यहोवा अपना काम और अपनी युक्तियों को पूरी न कर चुके, तब तक उसका क्रोध शान्त न होगा। अन्त के दिनों में तुम इस बात को भली भांति समझ सकोगे।
ये भविष्यद्वक्ता बिना मेरे भेजे दौड़ जाते और बिना मेरे कुछ कहे भविष्यद्वाणी करने लगते हैं।
वे कौन से भविष्यद्वक्ता हैं जिन्हें हमारा परमेश्वर भेजता है?
व्यवस्थाविवरण 18: 15
– 22 में - तेरा परमेश्वर यहोवा तेरे मध्य से, अर्थात तेरे भाइयों में से मेरे समान
एक नबी को उत्पन्न करेगा; तू उसी की सुनना;
यह तेरी उस बिनती के अनुसार
होगा, जो तू ने होरेब पहाड़ के पास सभा के दिन अपने परमेश्वर यहोवा से की थी, कि मुझे
न तो अपने परमेश्वर यहोवा का शब्द फिर सुनना, और न वह बड़ी आग फिर देखनी पड़े, कहीं
ऐसा न हो कि मर जाऊं।
तब यहोवा ने मुझ से कहा,
कि वे जो कुछ कहते हैं सो ठीक कहते हैं। (वह यीशु मसीह है)
सो मैं उनके लिये उनके
भाइयों के बीच में से तेरे समान एक नबी को उत्पन्न करूंगा; और अपना वचन उसके मुंह में
डालूंगा; और जिस जिस बात की मैं उसे आज्ञा दूंगा वही वह उन को कह सुनाएगा।
और जो मनुष्य मेरे वह
वचन जो वह मेरे नाम से कहेगा ग्रहण न करेगा, तो मैं उसका हिसाब उस से लूंगा।
परन्तु जो नबी अभिमान
करके मेरे नाम से कोई ऐसा वचन कहे जिसकी आज्ञा मैं ने उसे न दी हो, वा पराए देवताओं
के नाम से कुछ कहे, वह नबी मार डाला जाए।
और यदि तू अपने मन में
कहे, कि जो वचन यहोवा ने नहीं कहा उसको हम किस रीति से पहिचानें?
तो पहिचान यह है कि जब
कोई नबी यहोवा के नाम से कुछ कहे; तब यदि वह वचन न घटे और पूरा न हो जाए, तो वह वचन
यहोवा का कहा हुआ नहीं; परन्तु उस नबी ने वह बात अभिमान करके कही है, तू उस से भय न
खाना॥
(एक उदाहरण के रूप में,
परमेश्वर ने शमूएल के माध्यम से इस्राएल के राजा के रूप में शाऊल का अभिषेक किया) 1
शमूएल 10: 6 – 10 में –
तब यहोवा का आत्मा तुझ पर बल से उतरेगा, और तू उनके साथ हो कर नबूवत करने लगेगा, और तू परिवतिर्त हो कर और ही मनुष्य हो जाएगा।
और जब ये चिन्ह तुझे देख पड़ेंगे, तब जो काम करने का अवसर तुझे मिले उस में लग जाना; क्योंकि परमेश्वर तेरे संग रहेगा।
और तू मुझ से पहिले गिलगाल को जाना; और मैं होमबलि और मेलबलि चढ़ाने के लिये तेरे पास आऊंगा। तू सात दिन तक मेरी बाट जोहते रहना, तब मैं तेरे पास पहुंचकर तुझे बताऊंगा कि तुझ को क्या क्या करना है।
ज्योंही उसने शमूएल के पास से जाने को पीठ फेरी त्योंही परमेश्वर ने उसके मन को परिवर्तन किया; और वे सब चिन्ह उसी दिन प्रगट हुए॥
जब वे उधर उस पहाड़ के पास आए, तब नबियों का एक दल उसको मिला; और परमेश्वर का आत्मा उस पर बल से उतरा, और वह उसके बीच में नबूवत करने लगा।
यदि आपको परमेश्वर के वचन को एक भविष्यवाणी के रूप में बताना है, तो भविष्यवाणी को बताने वाले व्यक्ति का दिल एक नया दिल होना चाहिए। (मसीह का दिल)
यदि हमारा हृदय नया नहीं है, तो दुष्ट आत्मा हमें धोखा देगी, और हम यह सोचकर ठगे जाएंगे कि यह परमेश्वर का वचन है।
भविष्यवाणियों में, परमेश्वर ने हमें कई तरह की भविष्यवाणियों के बारे में लिखा है।
परमेश्वर इस्राएल के राजा, राजा अहाब से बहुत क्रोधित था। ऐसा इसलिए था क्योंकि वह दाख की बारी के खिलाफ था।
1 राजा 22: 20 – 23 में – तब यहोवा ने पूछा, अहाब को कौन
ऐसा बहकाएगा, कि वह गिलाद के रामो पर चढ़ाई करके खेत आए तब किसी ते कुछ, और किसी ने
कुछ कहा।
निदान एक आत्मा पास आकर
यहोवा के सम्मुख खड़ी हुई, और कहने लगी, मैं उसको बहकाऊंगी: यहोवा ने पूछा, किस उपाय
से?
उसने कहा, मैं जा कर उसके
सब भविष्यद्वक्ताओं में पैठकर उन से झूठ बुलवाऊंगी। यहोवा ने कहा, तेरा उसको बहकाना
सफल होगा, जा कर ऐसा ही कर।
तो अब सुन यहोवा ने तेरे
इन सब भविष्यद्वक्ताओं के मुंह में एक झूठ बोलने वाली आत्मा पैठाई है, और यहोवा ने
तेरे विष्य हानि की बात कही है।
इस तरह, अगर हमारा चलना परमेश्वर को खुश नहीं करता है, तो वह हमारे अंदर झूठी भावना भेजेगा। वह झूठा भाव और धोखा देने वाली आत्मा हमें धोखा देने के लिए भेजेगा। इसलिए, हमें हमेशा सतर्क रहना चाहिए।
2 थिस्सलुनीकियों 2: 10
– 12 में – और नाश होने वालों के लिये अधर्म
के सब प्रकार के धोखे के साथ होगा; क्योंकि उन्होंने सत्य के प्रेम को ग्रहण नहीं किया
जिस से उन का उद्धार होता।
और इसी कारण परमेश्वर
उन में एक भटका देने वाली सामर्थ को भेजेगा ताकि वे झूठ की प्रतीति करें।
और जितने लोग सत्य की
प्रतीति नहीं करते, वरन अधर्म से प्रसन्न होते हैं, सब दण्ड पाएं॥
आइए प्रार्थना करते हैं। प्रभु आप सबका भला करे।
- कल भी जारी रहना है