हमारे प्रभु यीशु मसीह के अनमोल नाम की जय

आमोस 8: 11

परमेश्वर यहोवा की यह वाणी है, देखो, ऐसे दिन आते हैं, जब मैं इस देश में महंगी करूंगा; उस में ने तो अन्न की भूख और न पानी की प्यास होगी, परन्तु यहोवा के वचनों के सुनने ही की भूख प्यास होगी।

हमारे प्रभु यीशु मसीह की कृपा आप सब के साथ हो। आमीनl

हल्लिलूय्याह

हम, दुल्हन, चर्च को उस उद्धार की रक्षा करनी चाहिए जो प्रभु ने अंत तक दिया है।

मसीह में मेरे प्यारे भाइयों और बहनों, बाइबल के उस हिस्से में जिस पर हमने पिछले दिनों ध्यान किया था, हमने ध्यान दिया कि प्रभु हमारी आत्मा, दुल्हन, चर्च की रक्षा आग के घोड़ों और आग के रथों से कर रहे हैं ताकि दुष्ट विचार हमें छू न सकें।

आगे हम जिस पर ध्यान कर रहे हैं वह यह है कि 2 राजा 6: 24 – 33 परन्तु इसके बाद अराम के राजा बेन्हदद ने अपनी समस्त सेना इकट्ठी कर के, शोमरोन पर चढ़ाई कर दी और उसको घेर लिया।

तब शोमरोन में बड़ा अकाल पड़ा और वह ऐसा घिरा रहा, कि अन्त में एक गदहे का सिर चान्दी के अस्सी टुकड़ों में और कब की चौथाई भर कबूतर की बीट पांच टुकड़े चान्दी तक बिकने लगी।

और इस्राएल का राजा शहरपनाह पर टहल रहा था, कि एक स्त्री ने पुकार के उस से कहा, हे प्रभु, हे राजा, बचा।

उसने कहा, यदि यहोवा तुझे न बचाए, तो मैं कहां से तुझे बचाऊं? क्या खलिहान में से, वा दाखरस के कुण्ड में से?

फिर राजा ने उस से पूछा, तुझे क्या हुआ? उसने उत्तर दिया, इस स्त्री ने मुझ से कहा था, मुझे अपना बेटा दे, कि हम आज उसे खा लें, फिर कल मैं अपना बेटा दूंगी, और हम उसे भी खाएंगी।

तब मेरे बेटे को पका कर हम ने खा लिया, फिर दूसरे दिन जब मैं ने इस से कहा कि अपना बेटा दे कि हम उसे खा लें, तब इस ने अपने बेटे को छिपा रखा।

उस स्त्री की ये बातें सुनते ही, राजा ने अपने वस्त्र फाड़े ( वह तो शहरपनाह पर टहल रहा था ), जब लोगों ने देखा, तब उन को यह देख पड़ा कि वह भीतर अपनी देह पर टाट पहिने है।

तब वह बोल उठा, यदि मैं शापात के वुत्र एलीशा का सिर आज उसके धड़ पर रहने दूं, तो परमेश्वर मेरे साथ ऐसा ही वरन इस से भी अधिक करे।

एलीशा अपने घर में बैठा हुआ था, और पुरनिये भी उसके संग बैठे थे। सो जब राजा ने अपने पास से एक जन भेजा, तब उस दूत के पहुंचने से पहिले उसने पुरनियों से कहा, देखो, इस खूनी के बेटे ने किसी को मेरा सिर काटने को भेजा है; इसलिये जब वह दूत आए, तब किवाड़ बन्द कर के रोके रहना। क्या उसके स्वामी के पांव की आहट उसके पीछे नहीं सुन पड़ती?

वह उन से यों बातें कर ही रहा था कि दूत उसके पास आ पहुंचा। और राजा कहने लगा, यह विपत्ति यहोवा की ओर से है, अब मैं आगे को यहोवा की बाट क्यों जोहता रहूं? 

ऊपर बताए गए पदों में, जब अरामियों को शोमरोन से दूर भेज दिया गया, तब इसके बाद अराम के दल इस्राएल के देश में फिर न आए। परन्तु इसके बाद अराम के राजा बेन्हदद ने अपनी समस्त सेना इकट्ठी कर के, शोमरोन पर चढ़ाई कर दी और उसको घेर लिया। तब शोमरोन में बड़ा अकाल पड़ा और वह ऐसा घिरा रहा, कि अन्त में एक गदहे का सिर चान्दी के अस्सी टुकड़ों में और कब की चौथाई भर कबूतर की बीट पांच टुकड़े चान्दी तक बिकने लगी। और इस्राएल का राजा शहरपनाह पर टहल रहा था, कि एक स्त्री ने पुकार के उस से कहा, हे प्रभु, हे राजा, बचा। उसने कहा, यदि यहोवा तुझे न बचाए, तो मैं कहां से तुझे बचाऊं? क्या खलिहान में से, वा दाखरस के कुण्ड में से? फिर राजा ने उस से पूछा, तुझे क्या हुआ? उसने उत्तर दिया, इस स्त्री ने मुझ से कहा था, मुझे अपना बेटा दे, कि हम आज उसे खा लें, फिर कल मैं अपना बेटा दूंगी, और हम उसे भी खाएंगी। तब मेरे बेटे को पका कर हम ने खा लिया, फिर दूसरे दिन जब मैं ने इस से कहा कि अपना बेटा दे कि हम उसे खा लें, तब इस ने अपने बेटे को छिपा रखा। उस स्त्री की ये बातें सुनते ही, राजा ने अपने वस्त्र फाड़े ( वह तो शहरपनाह पर टहल रहा था ), जब लोगों ने देखा, तब उन को यह देख पड़ा कि वह भीतर अपनी देह पर टाट पहिने है। तब वह बोल उठा, यदि मैं शापात के वुत्र एलीशा का सिर आज उसके धड़ पर रहने दूं, तो परमेश्वर मेरे साथ ऐसा ही वरन इस से भी अधिक करे। एलीशा अपने घर में बैठा हुआ था, और पुरनिये भी उसके संग बैठे थे। सो जब राजा ने अपने पास से एक जन भेजा, तब उस दूत के पहुंचने से पहिले उसने पुरनियों से कहा, देखो, इस खूनी के बेटे ने किसी को मेरा सिर काटने को भेजा है; इसलिये जब वह दूत आए, तब किवाड़ बन्द कर के रोके रहना। क्या उसके स्वामी के पांव की आहट उसके पीछे नहीं सुन पड़ती? वह उन से यों बातें कर ही रहा था कि दूत उसके पास आ पहुंचा। और राजा कहने लगा, यह विपत्ति यहोवा की ओर से है, अब मैं आगे को यहोवा की बाट क्यों जोहता रहूं?

मेरे प्यारे लोगों, जब हम उपर्युक्त छंदों पर ध्यान देते हैं, तो अराम के कर्मों के फिर से हमारी आत्मा में आने का कारण यह है कि क्योंकि हमारे भीतर सामरिया के कर्म हैं, जो कि अन्यजातियां हैं, इसलिए हमारे भीतर बहुत सारे बुरे विचार आते हैं और भीतर रहते हैं। इस प्रकार, क्योंकि पूरी आत्मा दुष्ट विचारों और बुरी सोच से भरी हुई है, भूमि अकाल से सूख रही है। हाथ में जो खाना मिलता है वह मिलता नहीं है। परन्‍तु जब राजा शहरपनाह पर से होकर जा रहा था, तब एक स्‍त्री ने राजा को बुलाकर कहा, कि मैं ने अपने पुत्र को पकड़ लिया, और दूसरी स्‍त्री को भी खाने को दे दी, और दूसरी स्‍त्री ने अपके बेटे को छिपा रखा है, और यह कहकर राजा जिसने यह सुना, वह अपना वस्त्र फाड़ रहा है। तब लोगों ने दृष्टि की, और वहां उसके नीचे उसके शरीर पर टाट पहिना हुआ था। इसका मतलब यह है कि यह एक आदर्श के रूप में लिखा गया है। परन्तु जब उसने राजा को बुलाकर कहा, मेरी सहायता कर, तब राजा ने कहा, कि यदि यहोवा तुझे न बचाए, तो मैं कहां से तुझे बचाऊं? क्या खलिहान में से, वा दाखरस के कुण्ड में से? यह हमारी आत्मा की मुक्ति के लिए कहा जा रहा है। अर्थात् इस्राएल में अकाल का अर्थ है कि जिस आत्मा को एक ने जन्म दिया है उसका परमेश्वर का वचन न मिलने के अकाल के कारण दूसरे द्वारा उपयोग किया जा रहा है और इस तरह, वे अपने अकाल को संतुष्ट कर रहे हैं लेकिन हर कोई हमारी मदद नहीं कर रहा है इसलिए अकाल गंभीर होता जा रहा है और अपने परमेश्वर को यह जानकर, कि हम अन्यजातियों के कामों में हैं, इसलिथे उद्धार का जो वस्त्र हमें मिला है, वह फाड़ा जा रहा है, और टाट पहिने हुए हैं, और यह बात प्रगट हो रही है। इसके बारे में, विलापगीत 4: 1 - 10 में सोना कैसे खोटा हो गया, अत्यन्त खरा सोना कैसे बदल गया है? पवित्रस्थान के पत्थर तो हर एक सड़क के सिरे पर फेंक दिए गए हैं।

सिय्योन के उत्तम पुत्र जो कुन्दन के तुल्य थे, वे कुम्हार के बनाए हुए मिट्टी के घड़ों के समान कैसे तुच्छ गिने गए हैं!

गीदड़िन भी अपने बच्चों को थन से लगाकर पिलाती है, परन्तु मेरे लोगों की बेटी वन के शुतुर्मुर्गों के तुल्य निर्दयी हो गई है।

दूधपीउवे बच्चों की जीभ प्यास के मारे तालू में चिपट गई है; बाल-बच्चे रोटी मांगते हैं, परन्तु कोई उन को नहीं देता।

जो स्वादिष्ट भेजन खाते थे, वे अब सड़कों में व्याकुल फिरते हैं; जो मखमल के वस्त्रों में पले वो अब घूरों पर लेटते हैं।

मेरे लोगों की बेटी का अधर्म सदोम के पाप से भी अधिक हो गया जो किसी के हाथ डाले बिना भी क्षण भर में उलट गया था।

उसके कुलीन हिम से निर्मल और दूध से भी अधिक उज्ज्वल थे; उनकी देह मूंगों से अधिक लाल, और उनकी सुन्दरता नीलमणि की सी थी।

परन्तु अब उनका रूप अन्धकार से भी अधिक काला है, वे सड़कों में चीन्हें नहीं जाते; उनका चमड़ा हड्डियों में सट गया, और लकड़ी के समान सूख गया है।

तलवार के मारे हुए भूख के मारे हुओं से अधिक अच्छे थे जिनका प्राण खेत की उपज बिना भूख के मारे सूखता जाता हे।

दयालु स्त्रियों ने अपने ही हाथों से अपने बच्चों को पकाया है; मेरे लोगों के विनाश के समय वे ही उनका आहार बन गए।

इसका कारण परमेश्वर नहीं है, परन्तु हमारे दुष्ट कर्मों के कारण परमेश्वर का वचन न मिलने का अकाल पड़ रहा है और हमारा नंगापन प्रगट हो रहा है। इसलिए हमें प्रभु की प्रतीक्षा करनी चाहिए और उस उद्धार को प्राप्त करने के लिए फिर से समर्पण करना चाहिए जिसे हमने खो दिया है।

आइए प्रार्थना करते हैं। प्रभु आप सब पर भरपूर कृपा करें।

कल भी जारी