हमारे प्रभु यीशु मसीह के अनमोल नाम की जय

जकर्याह 2: 5

और यहोवा की यह वाणी है, कि मैं आप उसके चारों ओर आग की से शहरपनाह ठहरूंगा, और उसके बीच में तेजोमय हो कर दिखाई दूंगा॥

हमारे प्रभु यीशु मसीह की कृपा आप सब के साथ हो। आमीनl

हल्लिलूय्याह

यहोवा हमारी आत्मा, दुल्हन, चर्च को आग के घोड़ों और आग के रथों के साथ सुरक्षित कर रहा है ताकि दुष्ट विचार हमें छू न सकें।

मसीह में मेरे प्यारे भाइयों और बहनों, बाइबल के उस हिस्से में जिस पर हमने पिछले दिनों में ध्यान किया था, हमने ध्यान दिया कि अगर हम, दुल्हन, चर्च को प्रभु की प्रतीक्षा करनी चाहिए और अनुग्रह प्राप्त करना चाहिए।

आगे हम जिस पर ध्यान कर रहे हैं वह यह है कि 2 राजा 6: 8 – 17 ओैर अराम का जाजा इस्राएल से युद्ध कर रहा था, और सम्मति कर के अपने कर्मचारियों से कहा, कि अमुक स्थान पर मेरी छावनी होगी।

तब परमेश्वर के भक्त ने इस्राएल के राजा के पास कहला भेजा, कि चौकसी कर और अमुक स्थान से हो कर न जाना क्योंकि वहां अरामी चढ़ाई करने वाले हैं।

तब इस्राएल के राजा ने उस स्थान को, जिसकी चर्चा कर के परमेश्वर के भक्त ने उसे चिताया था, भेज कर, अपनी रक्षा की; और उस प्रकार एक दो बार नहीं वरन बहुत बार हुआ।

इस कारण अराम के राजा का मन बहुत घबरा गया; सो उसने अपने कर्मचारियों को बुला कर उन से पूछा, क्या तुम मुझे न बताओगे कि हम लोगों में से कौन इस्राएल के राजा की ओर का है? उसके एक कर्मचारी ने कहा, हे मेरे प्रभु! हे राजा! ऐसा नहीं,

एलीशा जो इस्राएल में भविष्यद्वक्ता है, वह इस्राएल के राजा को वे बातें भी बताया करता है, जो तू शयन की कोठरी में बोलता है।

राजा ने कहा, जा कर देखो कि वह कहां है, तब मैं भेज कर उसे पकड़वा मंगाऊंगा। और उसको यह समाचार मिला कि वह दोतान में है।

तब उसने वहां घोड़ों और रथों समेत एक भारी दल भेजा, और उन्होंने रात को आकर नगर को घेर लिया।

भोर को परमेश्वर के भक्त का टहलुआ उठा और निकल कर क्या देखता है कि घोड़ों और रथों समेत एक दल नगर को घेरे हुए पड़ा है। और उसके सेवक ने उस से कहा, हाय! मेरे स्वामी, हम क्या करें?

उसने कहा, मत डर; क्योंकि जो हमारी ओर हैं, वह उन से अधिक हैं, जो उनकी ओर हैं।

तब एलीशा ने यह प्रार्थना की, हे यहोवा, इसकी आंखें खोल दे कि यह देख सके। तब यहोवा ने सेवक की आंखें खोल दीं, और जब वह देख सका, तब क्या देखा, कि एलीशा के चारों ओर का पहाड़ अग्निमय घोड़ों और रथों से भरा हुआ है। 

उपर्युक्त श्लोकों में, अराम का जाजा इस्राएल से युद्ध कर रहा था, और सम्मति कर के अपने कर्मचारियों से कहा, कि अमुक स्थान पर मेरी छावनी होगी। तब परमेश्वर के भक्त ने इस्राएल के राजा के पास कहला भेजा, कि चौकसी कर और अमुक स्थान से हो कर न जाना क्योंकि वहां अरामी चढ़ाई करने वाले हैं। तब इस्राएल के राजा ने उस स्थान को, जिसकी चर्चा कर के परमेश्वर के भक्त ने उसे चिताया था, भेज कर, अपनी रक्षा की; और उस प्रकार एक दो बार नहीं वरन बहुत बार हुआ। इस कारण अराम के राजा का मन बहुत घबरा गया; सो उसने अपने कर्मचारियों को बुला कर उन से पूछा, क्या तुम मुझे न बताओगे कि हम लोगों में से कौन इस्राएल के राजा की ओर का है? उसके एक कर्मचारी ने कहा, हे मेरे प्रभु! हे राजा! ऐसा नहीं, एलीशा जो इस्राएल में भविष्यद्वक्ता है, वह इस्राएल के राजा को वे बातें भी बताया करता है, जो तू शयन की कोठरी में बोलता है। राजा ने कहा, जा कर देखो कि वह कहां है, तब मैं भेज कर उसे पकड़वा मंगाऊंगा। और उसको यह समाचार मिला कि वह दोतान में है। तब उसने वहां घोड़ों और रथों समेत एक भारी दल भेजा, और उन्होंने रात को आकर नगर को घेर लिया। भोर को परमेश्वर के भक्त का टहलुआ उठा और निकल कर क्या देखता है कि घोड़ों और रथों समेत एक दल नगर को घेरे हुए पड़ा है। और उसके सेवक ने उस से कहा, हाय! मेरे स्वामी, हम क्या करें? उसने कहा, मत डर; क्योंकि जो हमारी ओर हैं, वह उन से अधिक हैं, जो उनकी ओर हैं। तब एलीशा ने यह प्रार्थना की, 2 राजा 6: 18 – 20 में जब अरामी उसके पास आए, तब एलीशा ने यहोवा से प्रार्थना की कि इस दल को अन्धा कर डाल। एलीशा के इस वचन के अनुसार उसने उन्हें अन्धा कर दिया।

तब एलीशा ने उन से कहा, यह तो मार्ग नहीं है, और न यह नगर है, मेरे पीछे हो लो; मैं तुम्हें उस मनुष्य के पास जिसे तुम ढूंढ़ रहे हो पहुंचाऊंगा। तब उसने उन्हें शोमरोन को पहुंचा दिया।

जब वे शोमरोन में आ गए, तब एलीशा ने कहा, हे यहोवा, इन लोगों की आंखें खोल कि देख सकें। तब यहोवा ने उनकी आंखें खोलीं, और जब वे देखने लगे तब क्या देखा कि हम शोमरोन के मध्य में हैं।

इन बातों के बाद जब इस्राएल के राजा ने शोमरोन में आए अरामियों को देखा, तब एलीशा से कहा, हे मेरे पिता, क्या मैं इन को मार लूं? मैं उन को मार लूं? उसने उत्तर दिया, मत मार। क्या तू उन को मार दिया करता है, जिन को तू तलवार और धनुष से बन्धुआ बना लेता है? तू उन को अन्न जल दे, कि खा पीकर अपने स्वामी के पास चले जाएं। तब उसने उनके लिये बड़ी जेवनार की, और जब वे खा पी चुके, तब उसने उन्हें बिदा किया, और वे अपने स्वामी के पास चले गए। इसके बाद अराम के दल इस्राएल के देश में फिर न आए।

मेरे प्यारे लोगों, पिछली चीजें परमेश्वर हमें एक आदर्श के रूप में दिखा रहे हैं और हमें समझा रहे हैं कि क्योंकि हमें परमेश्वर की कृपा प्राप्त हुई है, अरामी लोगों के कर्म (दुष्ट विचार जो हम में हैं) जब वे हमारी आत्मा में लड़ने के लिए तैयार हो रहे हैं तो यहोवा हम को उस से छुड़ाए, कि वह उन्हें चिताता और हमारी रक्षा करता है, कि वे विचार हम को न छूएं। इस प्रकार, जब हम सावधानी से रहते हैं, तो एक महान सेना (कई क्लेश) आती है और हम पर दबाव डालती है। हमें इस बारे में आगे सोचना चाहिए और जब हम यहोवा के सच्चे वचनों के द्वारा धर्म को धारण करते हैं, तो अरामी के काम जो बुरे शत्रु हैं जो हमें धार्मिकता को देखते हुए पहले से सोचते हैं कि इसका कारण क्या है और हमें पूरी तरह से नष्ट करने के लिए वे ताकत से लड़ेंगे। परन्तु हम किसी बात से न डरें, और यहोवा हमें भेजेगा, और हमारे भीतर घोड़ों और अग्नि के रथों से हमें घेर लेगा। लेकिन केवल अगर हमारी आध्यात्मिक आंखें खुलती हैं, तो हम प्रभु की सुरक्षा को महसूस कर सकते हैं। अन्यथा हम यह नहीं जान पाएंगे। और यदि परमेश्वर के भक्त ने इस्राएल के राजा से कहा, कि जो आए, उन्हें रोटी और पानी दे, और उन्हें इस विषय में नमूना भेज दे, कि जीवित रोटी के द्वारा वे दुष्ट अरामी विचार हमारे भीतर काम न करें, जो कि वचन है भगवान अगर हम उस जगह पर काबू पा लेते हैं तो इस तरह के विचार हमारे भीतर फिर काम नहीं करेंगे। इसके लिए हम में जो दुष्ट विचार हैं, उन्हें बदलने के लिए हमें रोटी, मसीह की देह और पानी, परमेश्वर के जीवित वचन से संतुष्ट होना चाहिए और अपनी आत्मा में शांति प्राप्त करने के लिए हमें अपने आप को प्रस्तुत करना चाहिए।

आइए प्रार्थना करते हैं। प्रभु आप सब पर भरपूर कृपा करें।

कल भी जारी